यह तो आप जानते ही हैं कि विश्व का प्रत्येक जीव आनन्द ही चाहता है किन्तु वह आनन्द क्या है? कहाँ है? कैसे मिल सकता है? इत्यादि प्रश्नों के सही-सही उत्तर न जानने के कारण ही सभी जीव उस आनन्द से वंचित हैं। हिन्दू धर्म ग्रन्थों में अनेक धर्माचार्य हुये एवं उन लोगों ने अपने-अपने अनुभवों के आधार पर अनेक ग्रन्थ लिखे जिनमें परस्पर विरोधाभास-सा है। पाठक उन ग्रन्थों को पढ़कर कुछ भी निश्चय नहीं कर पाता। इतना ही नहीं वरन् और भी संशयात्मा हो जाता है।
इस ‘प्रेम रस सिद्धान्त’ ग्रन्थ की प्रमुख विशेषता यही है कि उन समस्त विरोधी सिद्धान्तों का सुन्दर सरल भाषा में समन्वय किया गया है। आचार्य चरण ने वेदों, शास्त्रों के प्रमाणों के अतिरिक्त दैनिक अनुभवों के उदाहरणों द्वारा सर्वसाधारण के लाभ को दृष्टिकोण में रखते हुये, विषयों का निरूपण किया है। वैसे तो ज्ञान की कोई सीमा नहीं है फिर भी इस छोटे से ग्रन्थ में जीव का चरम लक्ष्य, जीव एवं माया तथा भगवान् का स्वरूप, महापुरुष परिचय, कर्म, ज्ञान, भक्ति साधना आदि का निरूपण किया है जिसे जन साधारण समझ सकता है। साथ ही समस्त शंकाओं का भी निवारण कर सकता है।
आचार्य चरण किसी सम्प्रदाय विशेष से सम्बद्ध नहीं हैं। अतएव उनके इस ग्रन्थ में सभी आचार्यों का सम्मान किया गया है। निराकार, साकार ब्रह्म एवं अवतार रहस्य का प्रतिपादन तो अनूठा ही है। अन्त में कर्मयोग सम्बन्धी प्रतिपादन पर विशेष जोर दिया गया है, क्योंकि सम्पूर्ण संसारी कार्यों को करते हुये ही संसारी लोगों को अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। इस ग्रन्थ के विषय में क्या समालोचना की जाय, बस गागर में सागर के समान ही सम्पूर्ण तत्त्वज्ञान भरा है। जिसका पात्र जितना बड़ा होगा वह उतना ही बड़ा लाभ ले सकेगा। इतना ही निवेदन है कि पाठक एक बार अवश्य पढ़ें।
Prem-Ras-Siddhant - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
---|
यह तो आप जानते ही हैं कि विश्व का प्रत्येक जीव आनन्द ही चाहता है किन्तु वह आनन्द क्या है? कहाँ है? कैसे मिल सकता है? इत्यादि प्रश्नों के सही-सही उत्तर न जानने के कारण ही सभी जीव उस आनन्द से वंचित हैं। हिन्दू धर्म ग्रन्थों में अनेक धर्माचार्य हुये एवं उन लोगों ने अपने-अपने अनुभवों के आधार पर अनेक ग्रन्थ लिखे जिनमें परस्पर विरोधाभास-सा है। पाठक उन ग्रन्थों को पढ़कर कुछ भी निश्चय नहीं कर पाता। इतना ही नहीं वरन् और भी संशयात्मा हो जाता है।
इस ‘प्रेम रस सिद्धान्त’ ग्रन्थ की प्रमुख विशेषता यही है कि उन समस्त विरोधी सिद्धान्तों का सुन्दर सरल भाषा में समन्वय किया गया है। आचार्य चरण ने वेदों, शास्त्रों के प्रमाणों के अतिरिक्त दैनिक अनुभवों के उदाहरणों द्वारा सर्वसाधारण के लाभ को दृष्टिकोण में रखते हुये, विषयों का निरूपण किया है। वैसे तो ज्ञान की कोई सीमा नहीं है फिर भी इस छोटे से ग्रन्थ में जीव का चरम लक्ष्य, जीव एवं माया तथा भगवान् का स्वरूप, महापुरुष परिचय, कर्म, ज्ञान, भक्ति साधना आदि का निरूपण किया है जिसे जन साधारण समझ सकता है। साथ ही समस्त शंकाओं का भी निवारण कर सकता है।
आचार्य चरण किसी सम्प्रदाय विशेष से सम्बद्ध नहीं हैं। अतएव उनके इस ग्रन्थ में सभी आचार्यों का सम्मान किया गया है। निराकार, साकार ब्रह्म एवं अवतार रहस्य का प्रतिपादन तो अनूठा ही है। अन्त में कर्मयोग सम्बन्धी प्रतिपादन पर विशेष जोर दिया गया है, क्योंकि सम्पूर्ण संसारी कार्यों को करते हुये ही संसारी लोगों को अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। इस ग्रन्थ के विषय में क्या समालोचना की जाय, बस गागर में सागर के समान ही सम्पूर्ण तत्त्वज्ञान भरा है। जिसका पात्र जितना बड़ा होगा वह उतना ही बड़ा लाभ ले सकेगा। इतना ही निवेदन है कि पाठक एक बार अवश्य पढ़ें।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | जीवन परिवर्तनकारी, सर्वोत्कृष्ट रचना, स्वयं को जानो, कर्मयोग, भक्तियोग, क्यों और क्या?, अध्यात्म के मूल सिद्धांत, तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | हार्डकवर |
वर्गीकरण | प्रमुख रचना |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 389 |
वजन (ग्राम) | 519 |
आकार | 15 सेमी X 22.5 सेमी X 2.5 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9788194238645 |
Radhe Radhe premrata Siddhant bahut acchi book hai jagatguru shankarapalu Ji Maharaj ki Jay Radhe Radhe 🙏🙏Sep 13, 2023 11:07:35 AM
वेद, उपनिषद, पुराण, गीता एवं रामायण की व्यख्यान से अनुभव सिद्ध प्रयोग से आत्मा एवं परमात्मा का सरलतम शब्दों में व्यख्यान जिसे साधारण व्यक्ति भी समझकर परमधाम की प्राप्ति क्र सके ऐसी एक मात्र दिव्यज्ञान से ओट प्रोत पुस्तक "प्रेम रास सिद्धांत" ..... देवेंद्र खासोर (वसिष्ठ ब्राह्मण)Jun 20, 2023 9:14:17 AM
I am blessed to have maharaj ji in my life as a guru and this book is enough to understand all the vedas purans shastra drashan etc..Mar 1, 2023 5:10:15 PM
everyone should read this book daily to get real happiness, bliss, pleasure,♥️ a wonderful book 🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊Jan 16, 2023 5:38:19 PM
Grace of God , Divine Book. Aanando brameti byjanat.Sep 6, 2022 2:31:22 PM
It is a gift to every sincere spiritual seeker from Jagadguru Sri Kripalu Ji Maharaj. This book explains the Divine philosophy of Love. It is a practical guide to God Realization. It removes all the doubts of a seeker by quoting from various scriptures of Vedic Sanatana Dharma and explaining them. everyone read this book who is thirsty for Radha Krishn Bhakti. Jai Jai Sri Radhe!Sep 6, 2022 2:30:08 PM
I first read this book 22 years ago.... i am still die hard aashiq of this book.... there is no book near this one. Amazing part is this book is it is best for beginners as well as for mature sadhaks. Ye book sirf hamare maharaji hee likh sakte hai..... Albeli sarkar ki jai !!!!!Sep 6, 2022 2:28:57 PM
I am blessed to read this book by shri maharaj ji!🙏🙏Sep 6, 2022 2:27:14 PM
Isse acha book ho nehi sakta.❤️🙏Sep 6, 2022 2:26:12 PM
Who am I? What do I want in life? The easiest way to get it? All these questions kept bothering me for many years and then I came across this book from Kripalu Ji. In just one read, every single one of those questions was answered and that too with evidence from all the vedic scriptures. I can't imagine how a little book can contain such deep knowledge. Hats off to the author, he has to be a truly God realized saint to show such practical ways to achieve the aim of life. A true JAGADGURU ! Thanks to Jagadguru Kripalu Parishat for putting this on kindle for all of us. Cheers!Sep 6, 2022 2:24:38 PM