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9789380661964 619c91749b2efd2adf9b6d84 आत्मकल्याण - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/619cff7aa6b3f44453d96db5/aatma-kalyan.jpg

जो साधक आश्रम में रहकर गुरु सेवा कर रहे हैं, जिन्होंने अपना सर्वसमर्पण कर दिया किन्तु फिर भी अनन्त जन्मों के अभ्यास एवं लापरवाही से गुरुधाम मे रहकर भी क्षण क्षण का सदुपयोग न करके प्रपंच में लगे रहते हैं, उन साधकों के लिए परम प्रिय गुरुवर कितनी आत्मीयता रखते हैं, कितना दु:खी होकर उनके कल्याण के लिए चिन्तित रहते थे इस पुस्तक को पढ़ने से उसकी एक झलक प्राप्त हो जायगी।

Atma Kalyan - Hindi
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आत्मकल्याण - हिन्दी

आत्मकल्याण - हिन्दी

भक्ति मार्ग में क्या करें? क्या ना करें?
भाषा - हिन्दी

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विशेषताएं
  • जीवनोपयोगी निर्देश जो साधना को बढ़ाने में सहायक।
  • हमारा कल्याण कैसे होगा? इसका सबसे सरल मार्ग।
  • स्वयं के कल्याण हेतु बताई ऐसी बातें जो आपका जीवन परिवर्तित कर देगी।
  • कृपालु जी महाराज द्वारा लिखे गए ऐसे निर्देश जो साधकों के लिये रामबाण की तरह है।
  • ऐसी कौन सी बातें हैं जिनको सदैव याद रखना है।
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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

जो साधक आश्रम में रहकर गुरु सेवा कर रहे हैं, जिन्होंने अपना सर्वसमर्पण कर दिया किन्तु फिर भी अनन्त जन्मों के अभ्यास एवं लापरवाही से गुरुधाम मे रहकर भी क्षण क्षण का सदुपयोग न करके प्रपंच में लगे रहते हैं, उन साधकों के लिए परम प्रिय गुरुवर कितनी आत्मीयता रखते हैं, कितना दु:खी होकर उनके कल्याण के लिए चिन्तित रहते थे इस पुस्तक को पढ़ने से उसकी एक झलक प्राप्त हो जायगी।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुछोटी किताब, अभ्यास की शक्ति, हर दिन पढ़ें
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणसंकलन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या58
वजन (ग्राम)69
आकार12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.5 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789380661964

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