Sadhan Sadhya - Sharatpurnima 2010 - Hindi
Spiritual Magazine
शरत्पूर्णिमा का पावन पर्व साध्य शिरोमणि, ‘दिव्य प्रेम’ प्राप्ति की ओर प्रेरित करता है। यह प्रेम नित्य सिद्ध तत्त्व है, जो अन्त:करण शुद्धि होने पर गुरु कृपा द्वारा ही प्राप्त होगा। तदर्थ अश्रु प्रवाहित करते हुये- श्यामा श्याम नाम, रूप, लीला, गुण, धाम का संकीर्तन ही सर्वश्रेष्ठ सर्वसुगम साधन है।
घर गृहस्थी में रहकर संसार की भागदौड़ करते हुये अनादिकालीन संसारासक्त जीव के लिये यह सम्भव नहीं है कि वह नाम में छिपे मधुरातिमधुर-रस का पूर्ण रूपेण स्वाद ले सके। रसिक शिरोमणि गुरुवर जब स्वयं अपनी चित्ताकर्षक सुमधुर दिव्यवाणी में संकीर्तन कराते हैं तो ब्रज रस का समुद्र ही उड़ेल देते हैं।
अत: प्रत्येक वर्ष एक महीने का साधना शिविर आयोजित किया जाता है जिससे साधक यहाँ अभ्यास करने के पश्चात् संसार में जाकर भी कर्मयोग की साधना करते हुये श्री श्यामा श्याम नाम, रूप, लीला, गुण, रस में डूबे हुये कर्मयोग कर सकें।
इस वर्ष यह साधना शिविर ‘रँगीली महल, बरसाना’ में आयोजित हो रहा है। श्री राधा रानी के चरणों में यही प्रार्थना है-
तन समा जा मन को भा जा, दृगन छा जा राधे।
मेरे नैनन मेरे बैनन रैन दिन बसु राधे॥
Language | Hindi |
Genre | Spiritual Magazine and Philosophy |
Classification | Magazine |
Author | HH Dr Shyama Tripathi |
Publisher | Radha Govind Samiti |
Weight | 165 g |
Size | 21.5 cm X 28 cm X 0.4 cm |