Sadhan Sadhya - Sharatpurnima 2009 - Hindi

Spiritual Magazine

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Description

शरत्पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी साधकों को हार्दिक बधाई।

यद्यपि सभी पर्वों को मनाने का लक्ष्य यही है कि श्री राधाकृष्ण चरणों में अनुराग बढ़े। किन्तु शरत्पूर्णिमा विशेष रूप से साध्य शिरोमणि दिव्य प्रेम प्राप्ति की ओर प्रेरित करता है।

शरत्पूर्णिमा की शुभ रात्रि में श्री श्यामा-श्याम ने अधिकारी जीवों को महारास का रस प्रदान किया था। विश्वमोहिनी मुरली की मधुर तान सुनकर समस्त ब्रज गोपियाँ श्यामसुन्दर के पास आ गईं और रासमण्डल बना लिया जिसके मध्य श्यामा श्याम सुशोभित हुए। श्रीकृष्ण ने अघटित घटना पटीयासी योगमाया के द्वारा प्रत्येक गोपी के साथ अपना एक-एक स्वरूप धारण कर लिया और एक ब्राह्म रात्रि तक दिव्य रास विहार हुआ। ऐसे शुभ समय में सभी साधकों के प्राण स्वरूप श्री गुरु देव का प्राकट्य हुआ। अत: इस पर्व का महत्व हमारे लिये और अधिक बढ़ जाता है, जब भक्ति -धाम में स्वयं भक्ति ने गुरु रूप धारण किया। अत: सभी से निवेदन है कि इस पावन पर्व पर रसिकवर गुरुवर के चरणों में सहर्ष सर्व समर्पण करते हुये युगल नाम, रूप, लीला, गुण-गान को ही अपने जीवन का आधार मानें।

युगल रूप नाम गुन जन, लीला धाम ललाम।
सुमिरिय माँगिय रुदन करि, दिव्य प्रेम निष्काम॥

Specifications
LanguageHindi
GenreSpiritual Magazine and Philosophy
ClassificationMagazine
AuthorHH Dr Shyama Tripathi
PublisherRadha Govind Samiti
Weight165 g
Size21.5 cm X 28 cm X 0.4 cm