Sadhan Sadhya - Holi 2009 - Hindi

Spiritual Magazine

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Description

होली का पावन पर्व भक्ति धाम में हम सभी के लिये अनेक उपहार लेकर आया है। रंग-बिरंगे ब्रजरस से भरी हुई पिचकारियाँ एवं परम निष्काम गोपी-प्रेम का गुलाल अबीर रसिकवर गुरुवर के हाथ में है, वे सभी को दिव्य ब्रजरस में सराबोर करने के लिये आतुर हैं। बस हम झूठे रंग-बिरंगे सांसारिक मायिक सुखों को भूलकर अपने मन को केवल युगल प्रेम कामना में ही रंग दें और करुण क्रन्दन कर अकारण करुण गुरुदेव से परम निष्काम गोपी-प्रेम की याचना करें। 

प्रेम भिक्षां देहि! प्रेम भिक्षां देहि! प्रेम भिक्षां देहि!

श्री युगल चरणों में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दें जिससे मन सदा-सदा के लिए श्याम रंग में रंग जाये ऐसा रंग जो कभी न छूटे। 

तनु रंग छूटे धोये गोविंद राधे।
श्याम रंग छूटे न मन को बता दे॥

गुरु: कृपालुर्मम शरणं, वंदेऽहं सद्गुरुचरणम्।
गोपी प्रेम भाव भरणं, वंदेऽहं सद्गुरुचरणम्।
राधा कृष्ण-प्रेम भरणं, वंदेऽहं सद्गुरुचरणम्।

Specifications
LanguageHindi
GenreSpiritual Magazine and Philosophy
ClassificationMagazine
AuthorHH Dr Shyama Tripathi
PublisherRadha Govind Samiti
Weight170 g
Size21.5 cm X 28 cm X 0.4 cm