Adhyatma Sandesh - Sharad Poornima 2007 - Hindi
Spiritual Magazine
शरत्पूर्णिमा महोत्सव पर सभी पाठकों को हार्दिक बधाई!
श्रीकृष्ण भक्तों के लिए शरत्पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ पर्व है क्योंकि शरत्पूर्णिमा के दिन ही अनन्त सौन्दर्य माधुर्य सुधारससिन्धु रसिक शिरोमणि श्यामसुन्दर ने रासेश्वरी श्री राधारानी का आश्रय लेकर अधिकारी जीवों के साथ महारास किया था अर्थात् आनन्द की जो अन्तिम सीमा है, उस अन्तिम सीमा वाले आनन्द को अधिकारी जीवों को प्रदान किया था।
इसके अतिरिक्त सभी साधकों के प्राण स्वरूप राधाकृष्ण भक्ति के मूर्तिमान स्वरूप भक्ति योगरसावतार गुरु देव का प्राकट्य भी सन् १९२२ शरत्पूर्णिमा की शुभ रात्रि में ही हुआ।
ऐसा प्रतीत होता है श्री श्यामा-श्याम ने जिस दिव्य प्रेम सुधा रस सिन्धु में सौभाग्यशाली जीवों को निमज्जित किया, वही दिव्य प्रेम गुरु वर और रसिकवर रूप में कृपालु नाम से भक्ति -धाम मनगढ़ में अवतरित हो गया।
इस पावन पर्व पर कृपा स्वरूप गुरु देव के कोमल चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हुये उनसे यही कृपा की याचना करते हैं कि उन्हें हम शीघ्रातिशीघ्र कृपालु मान लें जिससे दिव्य प्रेम प्राप्त कर दिव्य प्रेमास्पद की नित्य सेवा प्राप्त कर सकें।
शत शत नमन....।
Language | Hindi |
Genre | Philosophy |
Classification | Magazine |
Author | HH Dr Shyama Tripathi |
Publisher | Radha Govind Samiti |
Weight | 165 g |
Size | 21.5 cm X 28 cm X 0.4 cm |