G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka 110075 New Delhi IN
जे के पी लिटरेचर
G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected]
6505a0a71657ef3fb8b68709 युगल माधुरी: 11वाँ अध्याय- प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6505a0a81657ef3fb8b68727/11.jpg जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज श्री राधा-कृष्ण के अद्वितीय सौंदर्य का अद्वितीय वर्णन करते हैं। वे अपने पदों के माध्यम से जीवों को बता रहें हैं कि कैसे युगल सरकार एक-दूसरे के पूरक हैं और उनकी विशेष अलौकिक लीलाएं निष्काम प्रेम की परम प्रतिष्ठा हैं। जैसे एक ही परमात्मा दो रूपों में प्रकट हो गया है, ताकि भक्ति के मार्ग के साधक इस दिव्य प्रेम का रूपध्यान कर, परमानन्द का अनुभव कर सकें। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह ग्यारहवां अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं। PRM Hindi ebook Ch 11
in stock USD 150
1 1

युगल माधुरी: 11वाँ अध्याय- प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी

भाषा - हिन्दी



SHARE PRODUCT
प्रकार विक्रेता मूल्य मात्रा

विवरण

जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज श्री राधा-कृष्ण के अद्वितीय सौंदर्य का अद्वितीय वर्णन करते हैं। वे अपने पदों के माध्यम से जीवों को बता रहें हैं कि कैसे युगल सरकार एक-दूसरे के पूरक हैं और उनकी विशेष अलौकिक लीलाएं निष्काम प्रेम की परम प्रतिष्ठा हैं। जैसे एक ही परमात्मा दो रूपों में प्रकट हो गया है, ताकि भक्ति के मार्ग के साधक इस दिव्य प्रेम का रूपध्यान कर, परमानन्द का अनुभव कर सकें। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह ग्यारहवां अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति संकीर्तन
फॉर्मेट ईबुक
वर्गीकरण प्रमुख रचना
लेखक जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशक राधा गोविंद समिति

पाठकों के रिव्यू

  0/5