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6505a09f86f322682e60451d श्री कृष्ण माधुरी: 9वाँ अध्याय - प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6505a0a186f322682e60456d/9.jpg इन 54 अद्वितीय पदों में युवावस्था वाले श्री कृष्ण का विवरण सुंदरता से किया गया है। तीन स्थानों से टेढ़े होकर खड़े रहने वाले श्री कृष्ण अपने कमल नयनों से सर्वोच्च कक्षा के प्रेम की अधिष्ठात्री, गोपियों के हृदयों में तीखे कटाक्ष कर रहे हैं। जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने श्री कृष्ण का नख से शिख तक सम्पूर्ण विवरण किया है। इन पदों के माध्यम से मन आसानी से श्री कृष्ण के नीलमणि वर्ण , दामिनी सी चमक वाले उनके पीताम्बर, और उनके अकारण करुण विरद में डूब जाएगा। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह नौवाँ अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं। PRM Hindi ebook Ch 9
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श्री कृष्ण माधुरी: 9वाँ अध्याय - प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी

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भाषा - हिन्दी



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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

इन 54 अद्वितीय पदों में युवावस्था वाले श्री कृष्ण का विवरण सुंदरता से किया गया है। तीन स्थानों से टेढ़े होकर खड़े रहने वाले श्री कृष्ण अपने कमल नयनों से सर्वोच्च कक्षा के प्रेम की अधिष्ठात्री, गोपियों के हृदयों में तीखे कटाक्ष कर रहे हैं। जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने श्री कृष्ण का नख से शिख तक सम्पूर्ण विवरण किया है। इन पदों के माध्यम से मन आसानी से श्री कृष्ण के नीलमणि वर्ण , दामिनी सी चमक वाले उनके पीताम्बर, और उनके अकारण करुण विरद में डूब जाएगा। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह नौवाँ अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसंकीर्तन
फॉर्मेटईबुक
वर्गीकरणप्रमुख रचना
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति

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