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जे के पी लिटरेचर G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected] 6505a09886f322682e6042d2 श्री कृष्ण बाल-लीला माधुरी: 7वाँ अध्याय- प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6505a09986f322682e6043ec/7.jpg प्रस्तुत 97 पद श्री कृष्ण के बाल्यकाल की नटखट एवं मनमोहक लीलाओं का जीवंत उल्लेख करते हैं। ये आकर्षक लीलाएँ श्री कृष्ण के प्रिय दिव्य धाम ब्रज की हैं, जहां छोटे से श्री कृष्ण की निर्भीक एवं चंचल लीलाएं सदा ही रस, आनंद और उल्लास बरसाती हैं। इन पदों द्वारा जगद्गुरु श्री कृपालु जी न केवल जीवों को इन लीलाओं का दर्शन करने का साहस देते हैं बल्कि वे जीवों को प्रेम से रूपध्यान करने के माध्यम से इन लीलाओं में सहभागी बनने का बल भी देते हैं। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह सातवाँ अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं। PRM Hindi ebook Ch 7in stockINR 200
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