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61c08109a171738faf73feaf Sadhan Sadhya - Hindi - Sharad Poornima 2017 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/61c1c10015d0035155bd7ecc/sp17.jpg

शरत्पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।

श्री कृष्ण का माधुर्य भावयुक्त निष्काम प्रेम प्राप्त कर उनकी नित्य सेवा ही जीव का परम चरम लक्ष्य है। इस सिद्धान्त को प्रतिपादित करते हुए, वेदों, शास्त्रों, पुराणों, गीता, भागवत एवं अन्यान्य धर्म ग्रन्थों का प्रमाण देकर जन-जन को श्रीकृष्ण की अनन्य निष्काम भक्ति की ओर प्रेरित करके जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने विश्व का महान उपकार किया है। दैनिक जीवन में किस प्रकार एक साधारण व्यक्ति शास्त्रीय सिद्धान्तों का पालन कर सकता है, इस तथ्य को प्रवचनों के माध्यम से, पुस्तकों के माध्यम से और स्वयं क्रियात्मक रूप में करके समझाया है। उनके असंख्य प्रवचन एवं संकीर्तन आज भी करोड़ों जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं और करते रहेंगे। क्योंकि उनका एक एक शब्द प्रमाणित है, वेद-शास्त्र सम्मत है। अलौकिक है। उनका कोई सम्प्रदाय नही है, कोई धर्म नही है। वे सनातनवैदिक- धर्मप्रतिष्ठापनसत्सम्प्रदायपरमाचार्य हैं। श्री कृष्ण ही हमारे स्वामी, सखा, सुत  पति नातेदार हैं, यही सोचना समस्त वैदिक सिद्धान्तों का सार है। इसी का शतशः पालन करने से लक्ष्य की प्राप्ति हो जायगी।

Sadhan Sadhya - Sharad Poornima 2017
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Sadhan Sadhya Sharad Poornima 2017

Sadhan Sadhya - Hindi - Sharad Poornima 2017

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Description

शरत्पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।

श्री कृष्ण का माधुर्य भावयुक्त निष्काम प्रेम प्राप्त कर उनकी नित्य सेवा ही जीव का परम चरम लक्ष्य है। इस सिद्धान्त को प्रतिपादित करते हुए, वेदों, शास्त्रों, पुराणों, गीता, भागवत एवं अन्यान्य धर्म ग्रन्थों का प्रमाण देकर जन-जन को श्रीकृष्ण की अनन्य निष्काम भक्ति की ओर प्रेरित करके जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने विश्व का महान उपकार किया है। दैनिक जीवन में किस प्रकार एक साधारण व्यक्ति शास्त्रीय सिद्धान्तों का पालन कर सकता है, इस तथ्य को प्रवचनों के माध्यम से, पुस्तकों के माध्यम से और स्वयं क्रियात्मक रूप में करके समझाया है। उनके असंख्य प्रवचन एवं संकीर्तन आज भी करोड़ों जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं और करते रहेंगे। क्योंकि उनका एक एक शब्द प्रमाणित है, वेद-शास्त्र सम्मत है। अलौकिक है। उनका कोई सम्प्रदाय नही है, कोई धर्म नही है। वे सनातनवैदिक- धर्मप्रतिष्ठापनसत्सम्प्रदायपरमाचार्य हैं। श्री कृष्ण ही हमारे स्वामी, सखा, सुत  पति नातेदार हैं, यही सोचना समस्त वैदिक सिद्धान्तों का सार है। इसी का शतशः पालन करने से लक्ष्य की प्राप्ति हो जायगी।

Specifications

LanguageHindi
GenreSpiritual Magazine
FormatMagazine
AuthorHH Dr Shyama Tripathi
PublisherRadha Govind Samiti
Dimension21.5cm X 28cm X 0.4cm

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