होली के पावन पर्व पर सभी पाठकों को हार्दिक बधाई।
यह पर्व भगवद्भक्ति का ही पर्व है, भक्ति की विजय का द्योतक है, भक्त शिरोमणि प्रह्लाद के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुये निष्काम प्रेम प्राप्ति की ओर प्रेरित करता है।
प्रह्लाद ने प्राकृत जगत् के कण-कण में भगवद्बुद्धि की और उसका ये विश्वास इतना दृढ़ था कि उसके पिता हिरण्यकशिपु ने जितने भी प्राण घातक उपाय उसके लिए प्रयोग किये सभी विफल हो गये। अत: होली का मुख्य संदेश यही है कि हम सदा सर्वत्र भगवान् को अपने साथ समझें, एक क्षण को भी अपने आपको अकेला न मानें। भगवान् सर्वव्यापक है अगर कोई इस बात को स्वीकार कर ले तो उसे तुरन्त अपने लक्ष्य की प्राप्ति हो जाय।
Sadhan Sadhya - Holi 2010प्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
---|
होली के पावन पर्व पर सभी पाठकों को हार्दिक बधाई।
यह पर्व भगवद्भक्ति का ही पर्व है, भक्ति की विजय का द्योतक है, भक्त शिरोमणि प्रह्लाद के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुये निष्काम प्रेम प्राप्ति की ओर प्रेरित करता है।
प्रह्लाद ने प्राकृत जगत् के कण-कण में भगवद्बुद्धि की और उसका ये विश्वास इतना दृढ़ था कि उसके पिता हिरण्यकशिपु ने जितने भी प्राण घातक उपाय उसके लिए प्रयोग किये सभी विफल हो गये। अत: होली का मुख्य संदेश यही है कि हम सदा सर्वत्र भगवान् को अपने साथ समझें, एक क्षण को भी अपने आपको अकेला न मानें। भगवान् सर्वव्यापक है अगर कोई इस बात को स्वीकार कर ले तो उसे तुरन्त अपने लक्ष्य की प्राप्ति हो जाय।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | आध्यात्मिक पत्रिका |
फॉर्मेट | पत्रिका |
लेखक | परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आकार | 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी |