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जे के पी लिटरेचर
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619c916e6cfb0746137b674d श्री राधा कृष्ण लीला - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/619d0183c8bea18eec29f548/074-books-scattered-table-mockup-covervault.jpg

समस्त वेदों शास्त्रों पुराणों आदि के द्वारा यह निर्विवाद सिद्ध सिद्धान्त है कि प्रत्येक जीव का चरम लक्ष्य आनन्द प्राप्ति ही है और वह आनन्द या रस स्वयं रसिक शिरोमणि श्री कृष्ण ही हैं किन्तु उन आनन्द स्वरूप, आनन्दकन्द श्री कृष्ण चन्द्र को भी क्रीतदास बनाने वाला उन्हीं का परमांतरंग प्रेम तत्त्व है। तथा यही आन्तिक तत्व है। इसी प्रेम रस का लक्ष्य बनाकर जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने श्री राधा कृष्ण लीला माधुरी ग्रन्थ की रचना की। जिसका प्रत्येक पद गागर में सागर ही है। यह समस्त माधुरियाँ प्रेम रस की मधुरिमा से ओतप्रोत है। इनमें श्री राधाकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन, वेद शास्त्र पुराणादि सम्मत एवं अनेक महापुरुषों की वाणियों के मतानुसार किया गया है।

श्री महाराज जी ने इतने सरस और रोचक ढंग से व्याख्या की है कि कोई भी पाठक पढ़ने मात्र से लीला जगत में प्रवेश कर जायेगा।

Lila Madhuri - Hindi
in stockUSD 610
1 5
श्री राधा कृष्ण लीला - हिन्दी

श्री राधा कृष्ण लीला - हिन्दी

श्यामा-श्याम ​की दिव्य एवं सुललित लीलओं का हृदयस्पर्शी वर्णन
भाषा - हिन्दी

$7.32
$11.99   (39%छूट)


विशेषताएं
  • श्री कृपालु जी महाराज द्वारा की गईं राधा कृष्ण लीलाओं की अद्भुत व्याख्याएँ
  • राधा कृष्ण का सुंदर वर्णन, मानसिक सेवा-ध्यान के लिए उत्तम
  • श्री कृपालु जी की आध्यात्मिक कविताओं में छुपा गहन अर्थ, सरल हिंदी में
  • प्रत्येक पद की व्याख्या, शास्त्रीय संदर्भों के साथ प्रमाणित
  • श्री राधाकृष्ण द्वारा ब्रज में की गई लीलाओं के पीछे छिपे रहस्य को जानना चाहते हैं तो लीला माधुरी अवश्य पढ़े।
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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

समस्त वेदों शास्त्रों पुराणों आदि के द्वारा यह निर्विवाद सिद्ध सिद्धान्त है कि प्रत्येक जीव का चरम लक्ष्य आनन्द प्राप्ति ही है और वह आनन्द या रस स्वयं रसिक शिरोमणि श्री कृष्ण ही हैं किन्तु उन आनन्द स्वरूप, आनन्दकन्द श्री कृष्ण चन्द्र को भी क्रीतदास बनाने वाला उन्हीं का परमांतरंग प्रेम तत्त्व है। तथा यही आन्तिक तत्व है। इसी प्रेम रस का लक्ष्य बनाकर जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने श्री राधा कृष्ण लीला माधुरी ग्रन्थ की रचना की। जिसका प्रत्येक पद गागर में सागर ही है। यह समस्त माधुरियाँ प्रेम रस की मधुरिमा से ओतप्रोत है। इनमें श्री राधाकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन, वेद शास्त्र पुराणादि सम्मत एवं अनेक महापुरुषों की वाणियों के मतानुसार किया गया है।

श्री महाराज जी ने इतने सरस और रोचक ढंग से व्याख्या की है कि कोई भी पाठक पढ़ने मात्र से लीला जगत में प्रवेश कर जायेगा।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुकृष्ण भक्ति, राधा कृष्ण की मधुर लीलायें
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणप्रवचन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या464
वजन (ग्राम)777
आकार16 सेमी X 24.5 सेमी X 2.8 सेमी

पाठकों के रिव्यू

  0/5

1 समीक्षा

This book increase intense love in radha Krishna. it's excellent!
deepti
Dec 4, 2022 11:59:38 AM