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जे के पी लिटरेचर
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633a6292c111f3548bdb8862 साधन साध्य - शरत्पूर्णिमा 2022 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/633a681ca1703fa4e558dba1/sadhan-sadhya-sharad-poornima-2022-.jpg

शत शत नमन कोटि अभिवन्दन।
जय जय जय हे भगवती नन्दन ॥

सभी पाठकों को, सभी श्री गुरुवर के प्रियजनों को, सभी उनके प्रेमियों को, उनके सभी भक्तों को, उनको जन्म शताब्दी की हार्दिक बधाई। प्रस्तुत साधन साध्य पत्रिका प्रकाशित करना अत्यधिक कठिन कार्य था क्योंकि सौ वर्षों का स्वर्णिम इतिहास कुछ पन्नों में कैसे समेटा जा सकता है ? बस इतना ही कहा जा सकता है, 'न भूतो न भविष्यति'! उनके अनन्त उपकारों की श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ है श्री राधा नाम को विश्वव्यापी बनाना।

समुद्र की एक बूँद भी नहीं है यह पत्रिका। उनकी अनन्त गुणावली का गुणगान, उनके गुणों का कौन बखान कर सकता है ? उनके उपकारों को कोई कैसे गिना सकता है ?

जो आध्यात्मिक इतिहास में प्रथम बार हुआ है। उनके जैसा व्यक्तित्व इतिहास में पहली बार गुरु रूप में अवतरित हुआ। इसे भगवतत्त्व का ही अवतरण कहा जाय तो सिद्धान्ततः भी अनुपयुक्त न होगा और अनुभवात्मक रूप से भी जय जय कृपालु हे भगवान्। जय जय दयालु कृपानिधान।

अनन्त शुभकामनाओं सहित।

Sadhan Sadhya Sharad poornima 2022
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साधन साध्य - शरत्पूर्णिमा 2022 - हिन्दी

भाषा - हिन्दी

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विवरण

शत शत नमन कोटि अभिवन्दन।
जय जय जय हे भगवती नन्दन ॥

सभी पाठकों को, सभी श्री गुरुवर के प्रियजनों को, सभी उनके प्रेमियों को, उनके सभी भक्तों को, उनको जन्म शताब्दी की हार्दिक बधाई। प्रस्तुत साधन साध्य पत्रिका प्रकाशित करना अत्यधिक कठिन कार्य था क्योंकि सौ वर्षों का स्वर्णिम इतिहास कुछ पन्नों में कैसे समेटा जा सकता है ? बस इतना ही कहा जा सकता है, 'न भूतो न भविष्यति'! उनके अनन्त उपकारों की श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ है श्री राधा नाम को विश्वव्यापी बनाना।

समुद्र की एक बूँद भी नहीं है यह पत्रिका। उनकी अनन्त गुणावली का गुणगान, उनके गुणों का कौन बखान कर सकता है ? उनके उपकारों को कोई कैसे गिना सकता है ?

जो आध्यात्मिक इतिहास में प्रथम बार हुआ है। उनके जैसा व्यक्तित्व इतिहास में पहली बार गुरु रूप में अवतरित हुआ। इसे भगवतत्त्व का ही अवतरण कहा जाय तो सिद्धान्ततः भी अनुपयुक्त न होगा और अनुभवात्मक रूप से भी जय जय कृपालु हे भगवान्। जय जय दयालु कृपानिधान।

अनन्त शुभकामनाओं सहित।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति आध्यात्मिक पत्रिका
फॉर्मेट पत्रिका
लेखक राधा गोविंद समिति
प्रकाशक राधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या 72
आकार 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी

पाठकों के रिव्यू

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