G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka 110075 New Delhi IN
जे के पी लिटरेचर
G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected]
61c08129d37a820896ffcbf2 साधन साध्य - गुरुपूर्णिमा 2017 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/61c1c1049098dd3017e9a20e/gp17.jpg

गुरु पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।

श्री भक्तियोगरसावतार परम प्रिय गुरुवर के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हुये सभी साधकों को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व की हार्दिक बधाई।

प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु सेवा, गुरु आज्ञापालन, गुरु शरणागति का सन्देश लेकर आता है। फिर जिन साधकों का गुरु ही नहीं ‘जगद्गुरु’, जगद्गुरु ही नहीं ‘जगद्गुरूत्तम’, जगद्गुरूत्तम ही नहीं, स्वयं श्री राधा कृपा शक्ति ही गुरु रूप धारण करके मार्ग दर्शन करे, उनके सौभाग्य की कहाँ तक सराहना की जाय।

श्री राधारानी गुणगान को विश्वव्यापी बनाकर अनन्त गुणों की खान सद्गुरुदेव की महिमा का बखान कौन कर सकता है। गुरु पूर्णिमा पर्व पर विशेष रूप से सभी साधक चाहते हैं कि उनके विषय में कुछ पढ़ने के लिए मिले, कुछ सुनने के लिए मिले। वस्तुतः दिव्य प्रेम रस स्वरूप श्री गुरुवर के रूप में भगवान् की कृपाशक्ति का ही अवतरण हुआ अतः उनके अलौकिक चरित्र का उनकी कृपा द्वारा ही वर्णन हो सकता है। जीवन पर्यन्त उन्होंने श्री राधारानी को ही अपनी स्वामिनी मानते हुये श्री राधा नाम गुणगान का ही दिव्य सन्देश दिया है। जो राधा तत्व पुस्तकों तक ही सीमित था उसे अत्यधिक सरल भाषा में उन्होंने समझाया है।

जोइ राधा सोइ कृष्ण हैँ, इन मेँ भेद न मान।
इक हैँ ह्लादिनी शक्ति अरु, शक्तिमान इक जान॥

(भक्ति शतक)

Sadhan Sadhya - Guru Poornima 2017
in stockUSD 70
1 1
Sadhan Sadhya Guru Poornima 2017

साधन साध्य - गुरुपूर्णिमा 2017 - हिन्दी

भाषा - हिन्दी

$0.84
$1.2   (30%छूट)


SHARE PRODUCT
प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

गुरु पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।

श्री भक्तियोगरसावतार परम प्रिय गुरुवर के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हुये सभी साधकों को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व की हार्दिक बधाई।

प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु सेवा, गुरु आज्ञापालन, गुरु शरणागति का सन्देश लेकर आता है। फिर जिन साधकों का गुरु ही नहीं ‘जगद्गुरु’, जगद्गुरु ही नहीं ‘जगद्गुरूत्तम’, जगद्गुरूत्तम ही नहीं, स्वयं श्री राधा कृपा शक्ति ही गुरु रूप धारण करके मार्ग दर्शन करे, उनके सौभाग्य की कहाँ तक सराहना की जाय।

श्री राधारानी गुणगान को विश्वव्यापी बनाकर अनन्त गुणों की खान सद्गुरुदेव की महिमा का बखान कौन कर सकता है। गुरु पूर्णिमा पर्व पर विशेष रूप से सभी साधक चाहते हैं कि उनके विषय में कुछ पढ़ने के लिए मिले, कुछ सुनने के लिए मिले। वस्तुतः दिव्य प्रेम रस स्वरूप श्री गुरुवर के रूप में भगवान् की कृपाशक्ति का ही अवतरण हुआ अतः उनके अलौकिक चरित्र का उनकी कृपा द्वारा ही वर्णन हो सकता है। जीवन पर्यन्त उन्होंने श्री राधारानी को ही अपनी स्वामिनी मानते हुये श्री राधा नाम गुणगान का ही दिव्य सन्देश दिया है। जो राधा तत्व पुस्तकों तक ही सीमित था उसे अत्यधिक सरल भाषा में उन्होंने समझाया है।

जोइ राधा सोइ कृष्ण हैँ, इन मेँ भेद न मान।
इक हैँ ह्लादिनी शक्ति अरु, शक्तिमान इक जान॥

(भक्ति शतक)

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिआध्यात्मिक पत्रिका
फॉर्मेटपत्रिका
लेखकपरम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
आकार21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी

पाठकों के रिव्यू

  0/5