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9789380661414 619c9180f5c6de2a29b7ddcb प्रशनोत्तरी भाग 1 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/619cf92d3362ac4ce88b5451/prashnotari-1.jpg

अकारण करुण कृपालु गुरुदेव का स्‍नेहमय व्यक्तित्व साधारण से साधारण व्यक्ति को भी प्रेमपाश में बाँध देता था। वह संकोच और भय को भुलाकर उनके प्रेमसागर में इस प्रकार डूब जाता था कि वह उनको बिल्कुल अपना आत्मीय समझकर उनसे जिज्ञासु भाव से प्रश्न करता था। वे भी अत्यधिक प्यार से बहुत ही साधारण भाषा में उसे समझाते। छोटा हो, बड़ा हो, पढ़ा लिखा हो, अनपढ़ हो, किसी भी जाति का हो, किसी भी सम्प्रदाय का हो सभी को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से समय दिया। प्रस्तुत पुस्तक में ‘हमारे प्रश्न उनके उत्तर’ संकलित किये गये हैं।

Prashnottari Vol. 1 - Hindi
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प्रशनोत्तरी भाग 1 - हिन्दी

प्रशनोत्तरी भाग 1 - हिन्दी

जगद्गुरु म​हाराज के श्री मुख से जटिल प्रश्नों का जवाब बड़ी ही सरल भाषा में।
भाषा - हिन्दी

$2.01
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विशेषताएं
  • साधना संबंधि प्रश्नोत्तर का संग्रह।
  • मानव जीवन का महत्व, भगवान् की कृपा, गुरु ​शिष्य संबंधि समस्त प्रश्नों का समाधान।
  • सभी अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर जानने के लिये प्रश्नोत्तरी अवश्य पढ़ें।
  • समस्त शंकाओं का समाधान श्री महाराज जी द्वारा जनसाधारण भाषा में।
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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

अकारण करुण कृपालु गुरुदेव का स्‍नेहमय व्यक्तित्व साधारण से साधारण व्यक्ति को भी प्रेमपाश में बाँध देता था। वह संकोच और भय को भुलाकर उनके प्रेमसागर में इस प्रकार डूब जाता था कि वह उनको बिल्कुल अपना आत्मीय समझकर उनसे जिज्ञासु भाव से प्रश्न करता था। वे भी अत्यधिक प्यार से बहुत ही साधारण भाषा में उसे समझाते। छोटा हो, बड़ा हो, पढ़ा लिखा हो, अनपढ़ हो, किसी भी जाति का हो, किसी भी सम्प्रदाय का हो सभी को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से समय दिया। प्रस्तुत पुस्तक में ‘हमारे प्रश्न उनके उत्तर’ संकलित किये गये हैं।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुक्यों और क्या?
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणसंकलन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या180
वजन (ग्राम)251
आकार14 सेमी X 22 सेमी X 1 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789380661414

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