G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka 110075 New Delhi IN
जे के पी लिटरेचर
G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected]
9789390373116 633ceb4bbd1b3eed04ffb207 कृपालु त्रयोदशी - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/648bffbb6da5b893009bc145/kripalu-tryodashi-cover.jpg

पाँचवें मूल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज का सम्पूर्ण सिद्धान्त जो वेद शास्त्र सम्मत है, उन्होंने तेरह दोहों में अत्यधिक संक्षिप्त रूप में लिख दिया है। हर साधक के लिए परमोपयोगी है यह पुस्तक जिसका पठन पाठन नित्य प्रति उसे आचार्य श्री के सम्पूर्ण सिद्धान्त का स्मरण करायेगा। कृपालु त्रयोदशी के तेरह दोहों की व्याख्या उनके ही अनेक प्रवचनों के अंशों को संकलित कर इस आशय से लिखी गई है कि आचार्य श्री का समन्वयात्मक सिद्धान्त जन साधारण भी सरलता से हृदयंगम कर सके।

वृन्दावन स्थित प्रेम मंदिर के प्रथम तल के गर्भ गृह के एक ओर ये दोहे आचार्य श्री के हैन्ड राइटिंग में लिखे गये हैं, जिससे उनका दार्शनिक सिद्धान्त युगों युगों तक सुरक्षित रह सके और प्रतिदिन आने वाले लाखों दर्शनार्थी श्रीराधा कृष्ण के दर्शन के साथ-साथ तत्त्वज्ञान भी प्राप्त कर सकें।

Kripalu Trayodashi Hindi
in stockINR 210
1 5
कृपालु त्रयोदशी - हिन्दी

कृपालु त्रयोदशी - हिन्दी

उनका सम्पूर्ण दार्शनिक सिद्धान्त
भाषा - हिन्दी

₹210
₹300   (30%छूट)


विशेषताएं
  • इन तेरह पंक्तियों में जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज का सम्पूर्ण सिद्धांत समाहित है।
  • पंक्तियाँ वैदिक शास्त्रों के अनुसार लिखीं गईं हैं।
  • इस पुस्तक का उद्देश्य उनके सिद्धांतों को सभी के लिए सरल बनाना है।
  • ये पंक्तियाँ जगदगुरु द्वारा स्वयं लिखी गई हैं और प्रेम मंदिर की दीवारों पर संरक्षित की गई हैं।
SHARE PRODUCT
प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

पाँचवें मूल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज का सम्पूर्ण सिद्धान्त जो वेद शास्त्र सम्मत है, उन्होंने तेरह दोहों में अत्यधिक संक्षिप्त रूप में लिख दिया है। हर साधक के लिए परमोपयोगी है यह पुस्तक जिसका पठन पाठन नित्य प्रति उसे आचार्य श्री के सम्पूर्ण सिद्धान्त का स्मरण करायेगा। कृपालु त्रयोदशी के तेरह दोहों की व्याख्या उनके ही अनेक प्रवचनों के अंशों को संकलित कर इस आशय से लिखी गई है कि आचार्य श्री का समन्वयात्मक सिद्धान्त जन साधारण भी सरलता से हृदयंगम कर सके।

वृन्दावन स्थित प्रेम मंदिर के प्रथम तल के गर्भ गृह के एक ओर ये दोहे आचार्य श्री के हैन्ड राइटिंग में लिखे गये हैं, जिससे उनका दार्शनिक सिद्धान्त युगों युगों तक सुरक्षित रह सके और प्रतिदिन आने वाले लाखों दर्शनार्थी श्रीराधा कृष्ण के दर्शन के साथ-साथ तत्त्वज्ञान भी प्राप्त कर सकें।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुतत्वज्ञान
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणप्रवचन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
आई.एस.बी.एन.9789390373116

पाठकों के रिव्यू

  0/5

1 समीक्षा

#MustReadForSadhak >>😇 1. Anyone and everyone should definitely read this book to understand the Spiritual Realm.🌈🙌🏻 2. Maharaji in his 13 Dohas had putten up his Philosophy in the simplest form with detailed description of each DOHA.🍀📖 3. We get to understand the TATTVA GYAAN so beautifully that, you will have a DIVINE and MIND BLOWING Experience reading this book.😍🥰🤩 MUST ORDER AS A BEGINNER : Dainik Prathana Book 📕 GURU KRIPA BOOK 📕
Ishita Mathur
Jul 19, 2023 4:55:08 AM