किसी की जाति और जीवन में अवस्था के अनुसार वेदों में निर्धारित कर्तव्यों का प्रदर्शन कर्म कहलाता है। इसकी चार पेचीदगियां क्या हैं, इसके परिणाम क्या हैं और इसका पालन करने के लिए कौन पात्र है?
Karma - Hindi - Ebookप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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किसी की जाति और जीवन में अवस्था के अनुसार वेदों में निर्धारित कर्तव्यों का प्रदर्शन कर्म कहलाता है। इसकी चार पेचीदगियां क्या हैं, इसके परिणाम क्या हैं और इसका पालन करने के लिए कौन पात्र है?
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
फॉर्मेट | ईबुक |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आई.एस.बी.एन. | 9788194655374 |