राधे राधे
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9789380661452 619c91750da9d22a7a6c6af9 आत्मनिरीक्षण //cdn.storehippo.com/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/619cfed81055d643ddcb9a8d/aatma-nirikshan.jpg

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जिन्होंने शास्त्रीय सिद्धांतों को अत्यधिक सरल सरस भाषा में प्रवचनों के माध्यम से ही नहीं, अपितु अनेक प्रकार से जन-जन तक पहुँचाकर अपना सम्पूर्ण जीवन जीव कल्याणार्थ समर्पित किया।

चलते फिरते, उठते बैठते हर समय उनको एक ही चिन्ता रहती थी कि किस प्रकार हर किसी को अध्यात्म पथ पर आगे बढ़ायें। कभी प्यार दुलार से समझाकर, तो कभी गुस्सा दिखाकर साधकों को सचेत करते रहते थे। समय समय पर उन्होंने किस प्रकार से हमें हमारे दोषों को बताकर सावधान किया है। इस पुस्तक में प्रकाशित किया जा रहा है। हम अपने अन्दर झांके कि हम कहाँ है? हमारे कृपालु गुरुदेव ने हमारे साथ कितना परिश्रम किया कहीं वह व्यर्थ न चला जाय। इसलिए पुस्तक का नाम आत्मनिरीक्षण रखा जा रहा है। कृपया बार बार पढ़ें।

Atma Nirikshan - Hindi
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आत्मनिरीक्षण

आत्मनिरीक्षण

कैसे जानें हम कहाँ है?
भाषा - हिन्दी

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विशेषताएं
  • आत्मनिरीक्षण क्यों आवश्यक है? प्रतिदिन आत्मनिरीक्षण से होने वाले लाभ को अवश्य जानिये।
  • हम भक्ति में कितना आगे बढ़े या नहीं जानने का सटीक पैमाना।
  • सभी रसिक संतों द्वारा भक्ति बढ़ाने के लिये बताई गई दुर्लभ बातें।
  • दैनिक आत्मनिरीक्षण, उसका मनन एवं होने वाले अपराधों से प्रायश्च‍ित के उपाय।
प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जिन्होंने शास्त्रीय सिद्धांतों को अत्यधिक सरल सरस भाषा में प्रवचनों के माध्यम से ही नहीं, अपितु अनेक प्रकार से जन-जन तक पहुँचाकर अपना सम्पूर्ण जीवन जीव कल्याणार्थ समर्पित किया।

चलते फिरते, उठते बैठते हर समय उनको एक ही चिन्ता रहती थी कि किस प्रकार हर किसी को अध्यात्म पथ पर आगे बढ़ायें। कभी प्यार दुलार से समझाकर, तो कभी गुस्सा दिखाकर साधकों को सचेत करते रहते थे। समय समय पर उन्होंने किस प्रकार से हमें हमारे दोषों को बताकर सावधान किया है। इस पुस्तक में प्रकाशित किया जा रहा है। हम अपने अन्दर झांके कि हम कहाँ है? हमारे कृपालु गुरुदेव ने हमारे साथ कितना परिश्रम किया कहीं वह व्यर्थ न चला जाय। इसलिए पुस्तक का नाम आत्मनिरीक्षण रखा जा रहा है। कृपया बार बार पढ़ें।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुछोटी किताब, अभ्यास की शक्ति, हर दिन पढ़ें
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणसंकलन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या71
वजन (ग्राम)81
आकार12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.5 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789380661452

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