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6505a086da0461687b798bf7 आरती माधुरी: द्वितीय अध्याय- प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6505a086da0461687b798c05/2.jpg यह भक्तिपूर्ण रचनायें एक प्रभावशाली दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक हैं जो आध्यात्मिक जिज्ञासु को अपने मार्गदर्शक, सद्गुरु की आज्ञाओं का पालन करने एवं हमारे इष्ट श्री राधा कृष्ण के साथ संबंध जोड़ने की आनंदमय प्रक्रिया है। जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने दिव्य युगल सरकार के अलौकिक मनमोहक रूप एवं अनंत दिव्य गुणों का अद्वितीय वर्णन किया है। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह दूसरा अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं। PRM Hindi ebook Ch 2
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आरती माधुरी: द्वितीय अध्याय- प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी

भाषा - हिन्दी



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विवरण

यह भक्तिपूर्ण रचनायें एक प्रभावशाली दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक हैं जो आध्यात्मिक जिज्ञासु को अपने मार्गदर्शक, सद्गुरु की आज्ञाओं का पालन करने एवं हमारे इष्ट श्री राधा कृष्ण के साथ संबंध जोड़ने की आनंदमय प्रक्रिया है। जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने दिव्य युगल सरकार के अलौकिक मनमोहक रूप एवं अनंत दिव्य गुणों का अद्वितीय वर्णन किया है। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह दूसरा अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति संकीर्तन
फॉर्मेट ईबुक
वर्गीकरण प्रमुख रचना
लेखक जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशक राधा गोविंद समिति

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