Your browser does not support JavaScript!

G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka 110075 New Delhi IN
JKP Literature
G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected]
61c080e69ec42c084543accc Sadhan Sadhya - Hindi - Holi 2011 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/61c1c11f9098dd3017e9a7d9/holi11.jpg

होली के पावन पर्व पर भक्ति -धाम में सभी भक्तों का हार्दिक अभिनन्दन।

अनन्त गुणगणनिलय आनन्दकन्द सच्चिदानन्द भगवान् नित्य नवीन लीलाओं द्वारा भक्तों को आनन्दित करते रहते हैं। अनन्त ब्रह्माण्डों में अनन्त लीला करते हुये विभिन्न रूपों में अवतार लेते हैं। जिससे उनके नाम, रूप, लीला, गुण, धाम जन का अवलम्ब लेकर जीव उनके शरणागत होकर उनके दिव्यातिदिव्य मधुर रस का पान कर सके और दिव्यानन्द प्राप्त कर सके। उनके सभी अवतार पूर्ण हैं कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। आवश्यकतानुसार अपनी शक्तियों का विभिन्न अवतारों में प्राकट्य करते हैं। 

किन्तु जितने भी अवतार हुए हैं या हो रहे हैं सबके आधार श्रीकृष्ण ही हैं। वे अवतारी है। स्वयं श्रीकृष्ण एक कल्प में एक बार आते हैं। यद्यपि साधना का आधार श्रीकृष्ण रूप माधुरी, लीला माधुरी, प्रेम माधुरी एवं वेणु माधुरी ही है किन्तु स्थानाभाव के कारण इन सबका विस्तार किसी और अंक में किया जायेगा। वर्तमान होली अंक में कुछ अवतारों का संक्षिप्त निरूपण किया गया है।

Sadhan Sadhya - Holi 2011
in stockINR 70
1 1
Sadhan Sadhya Holi 2011

Sadhan Sadhya - Hindi - Holi 2011

Language - Hindi

₹70
₹100   (30%OFF)


SHARE PRODUCT
VARIANTSELLERPRICEQUANTITY

Description

होली के पावन पर्व पर भक्ति -धाम में सभी भक्तों का हार्दिक अभिनन्दन।

अनन्त गुणगणनिलय आनन्दकन्द सच्चिदानन्द भगवान् नित्य नवीन लीलाओं द्वारा भक्तों को आनन्दित करते रहते हैं। अनन्त ब्रह्माण्डों में अनन्त लीला करते हुये विभिन्न रूपों में अवतार लेते हैं। जिससे उनके नाम, रूप, लीला, गुण, धाम जन का अवलम्ब लेकर जीव उनके शरणागत होकर उनके दिव्यातिदिव्य मधुर रस का पान कर सके और दिव्यानन्द प्राप्त कर सके। उनके सभी अवतार पूर्ण हैं कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। आवश्यकतानुसार अपनी शक्तियों का विभिन्न अवतारों में प्राकट्य करते हैं। 

किन्तु जितने भी अवतार हुए हैं या हो रहे हैं सबके आधार श्रीकृष्ण ही हैं। वे अवतारी है। स्वयं श्रीकृष्ण एक कल्प में एक बार आते हैं। यद्यपि साधना का आधार श्रीकृष्ण रूप माधुरी, लीला माधुरी, प्रेम माधुरी एवं वेणु माधुरी ही है किन्तु स्थानाभाव के कारण इन सबका विस्तार किसी और अंक में किया जायेगा। वर्तमान होली अंक में कुछ अवतारों का संक्षिप्त निरूपण किया गया है।

Specifications

LanguageHindi
GenreSpiritual Magazine
FormatMagazine
AuthorHH Dr Shyama Tripathi
PublisherRadha Govind Samiti
Dimension21.5cm X 28cm X 0.4cm

Readers Reviews

  0/5