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जे के पी लिटरेचर
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9789380661407 619c9180a3460945dfe57e02 प्रशनोत्तरी भाग 2 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/619cf9c1888e0830afe4b0e1/prashnotari-2.jpg

अकारण करुण कृपालु गुरुदेव का स्‍नेहमय व्यक्तित्व साधारण से साधारण व्यक्ति को भी प्रेमपाश में बाँध देता था। वह संकोच और भय को भुलाकर उनके प्रेमसागर में इस प्रकार डूब जाता था कि वह उनको बिल्कुल अपना आत्मीय समझकर उनसे जिज्ञासु भाव से प्रश्न करता था। वे भी अत्यधिक प्यार से बहुत ही साधारण भाषा में उसे समझाते। छोटा हो, बड़ा हो, पढ़ा लिखा हो, अनपढ़ हो, किसी भी जाति का हो, किसी भी सम्प्रदाय का हो सभी को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से समय दिया। प्रस्तुत पुस्तक में ‘हमारे प्रश्न उनके उत्तर’ संकलित किये गये हैं।

Prashnottari Vol. 2 - Hindi
in stock INR 168
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प्रशनोत्तरी भाग 2 - हिन्दी

जगद्गुरु म​हाराज के श्री मुख से जटिल प्रश्नों का जवाब बड़ी ही सरल भाषा में।
भाषा - हिन्दी

₹168
₹250   (33%छूट)


विशेषताएं
  • साधना संबंधि प्रश्नोत्तर का संग्रह।
  • साधक के मन में उठे समस्त प्रश्नों का समाधान श्री महाराज जी द्वारा।
  • सभी अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर जानने के लिये प्रश्नोत्तरी अवश्य पढ़ें।
  • समस्त शंकाओं का समाधान श्री महाराज जी द्वारा जनसाधारण भाषा में।
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प्रकार विक्रेता मूल्य मात्रा

विवरण

अकारण करुण कृपालु गुरुदेव का स्‍नेहमय व्यक्तित्व साधारण से साधारण व्यक्ति को भी प्रेमपाश में बाँध देता था। वह संकोच और भय को भुलाकर उनके प्रेमसागर में इस प्रकार डूब जाता था कि वह उनको बिल्कुल अपना आत्मीय समझकर उनसे जिज्ञासु भाव से प्रश्न करता था। वे भी अत्यधिक प्यार से बहुत ही साधारण भाषा में उसे समझाते। छोटा हो, बड़ा हो, पढ़ा लिखा हो, अनपढ़ हो, किसी भी जाति का हो, किसी भी सम्प्रदाय का हो सभी को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से समय दिया। प्रस्तुत पुस्तक में ‘हमारे प्रश्न उनके उत्तर’ संकलित किये गये हैं।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति सिद्धांत
विषयवस्तु क्यों और क्या?
फॉर्मेट पेपरबैक
वर्गीकरण संकलन
लेखक जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशक राधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या 182
वजन (ग्राम) 240
आकार 14 सेमी X 22 सेमी X 1 सेमी
आई.एस.बी.एन. 9789380661407

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